अस्पतालों में बेड नहीं मिलने से हालात खराब:2 दिन में 3 अस्पताल भटके फिर भी बेड नहीं

मरीजों को उज्जैन में अब न तो हॉस्पिटल में बेड मिल रहे हैं और न ऑक्सीजन। ऐसे में मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा और मौत हो रही है। ऐसा ही मामला जूना सोमवारिया क्षेत्र में सामने आया है। यहां रहने वाली 45 साल की महिला की तबीयत खराब होने पर उनके भानजे पुष्पा मिशन हॉस्पिटल ले गए थे, यहां बेड नहीं होने से उन्हें भर्ती नहीं किया। उसके बाद उन्हें फ्रीगंज में संचालित पाटीदार हॉस्पिटल ले गए। यहां भी बेड नहीं होने से भर्ती नहीं किया। इसके बाद मकोड़िया आम में नागौर क्लीनिक ले गए, यहां से भी मरीज को लौटा दिया। हालांकि यहां बेड की व्यवस्था नहीं है।

उसके बाद कोट मोहल्ला स्थित मोहल्ला क्लीनिक ले गए। महिला को परिवार के लोग घर ले गए। उसे ऑक्सीजन लगाना थी। परिजन ऑक्सीजन के लिए भटकते रहे। उन संगठन से भी संपर्क किया जो सिलेंडर व ऑक्सीजन मशीन उपलब्ध करवाते हैं। उनसे भी मदद नहीं मिली। 2-3 दिन तक ऑक्सीजन के लिए भटकते रहे। ऑक्सीजन नहीं मिलने से महिला की गुरुवार रात मौत हो गई। परिवार के लोगों ने बताया हॉस्पिटल में बेड नहीं मिलने और घर के लिए ऑक्सीजन नहीं मिल पाने से मरीज की मौत हुई है।

मरीज को दो दिन से रेमडेसिविर की जरूरत, परिजन भटक रहे
देसाई नगर में रहने वाली महिला उम्र 54 साल के संक्रमित पाए जाने पर कोविड सेंटर चरक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। यहां डॉक्टर ने उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन लिखा है जो दो दिन से मरीज को नहीं मिल पा रहा है। परिजनों का कहना है, डॉक्टर ने इंजेक्शन तो लिख दिए लेकिन कहां से लेकर आएं। यहां-वहां भटक रहे हैं। मेडिकल स्टोर पर नहीं मिल रहे हैं।

चरक अस्पताल से पॉजिटिव मरीज को भी डिस्चार्ज कर रहे
कोविड सेंटर चरक अस्पताल में पॉजिटिव मरीजों को भी डिस्चार्ज किया जा रहा है। 19 अप्रैल को यहां भर्ती 65 साल के मरीज को 22 अप्रैल को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अब उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। यहां भी उन्हें इलाज देने के लिए कोई नहीं आया। उनकी अब तक निगेटिव रिपोर्ट नहीं आई है। मरीज की सीआरपी वैल्यू 30 के आसपास थी।

महिला को उज्जैन से लेकर इंदौर तक बेड नहीं मिला

वसंत विहार में रहने वाली महिला को उज्जैन से लेकर इंदौर तक के हॉस्पिटल में बेड नहीं मिला। वह 18 अप्रैल से हॉस्पिटल में भर्ती होने के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में चक्कर लगाती रही। ऑक्सीजन बेड नहीं मिलने से भर्ती नहीं हो पाई। उन्हें मजबूरी में इंदौर जाना पड़ा। यहां भी उन्हें बेड नहीं मिल पाया। ऐसे मे अपना इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। पति-पत्नी दोनों पॉजिटिव हैं।

लेवल 70 से नीचे आने पर ऑक्सीजन लगाते

माधवनगर में आईसीयू में एक नंबर बेड पर भर्ती मरीज को प्रॉपर ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। मरीज का ऑक्सीजन लेवल 70 से नीचे आता है तो ऑक्सीजन लगा दी जाती है और लेवल 80 पर आता है तो तत्काल ऑक्सीजन कम कर देते हैं। इससे लेवल 70 पर चला जाता है। सात दिनों से ऐसा किया जा रहा है। मरीज की हालत गंभीर है। परिवार के लोगों ने कहा प्रॉपर ऑक्सीजन नहीं मिलने से स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो रहा है।

गंभीर मरीजों को कह रहे- दूसरे अस्पताल ले जाओ
विद्यापति नगर के 65 साल के बुजुर्ग 12 अप्रैल से चरक में भर्ती हैं। यहां पर डॉक्टर कह रहे हैं कि गंभीर मरीजों को कहीं और ले जाओ, हमारी कोई गारंटी नहीं है। मरीज के पुत्र ने कहा, बेड ही नहीं मिल रहे, मरीज को कहां ले लेकर जाएं। गंभीर मरीज को कहीं भी ले जाना रिस्की है। उन्होंने बताया पापा को चार रेमडेसिविर लग चुके हैं, दो और लगना है। दो दिन से इंजेक्शन नहीं मिल रहे।

जांच करने के बाद मरीजों को भर्ती कर रहे हैं

^हॉस्पिटल आने वाले सभी मरीजों की जांच की जाकर उन्हें भर्ती किया जा रहा है। बेड उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में उन्हें दूसरे अस्पताल जहां बेड उपलब्ध है, वहां भेजा जाता है। ऑक्सीजन की कमी से किसी मरीज के मौत की जानकारी नहीं

है।
– डॉ.एचपी सोनानिया, नोडल अधिकारी कोविड-19

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